क्या आप Shri Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics देखना चाहते है, तो बिलकुल सही स्थान पर आये है। यहाँ गणेश जी की 5 मुख्य आरती लिस्ट है। जो गणपति जी की पूजा या गणेश चतुर्थी के दौरान काम आती है।
श्री गणेश जी की प्रत्येक आरती द्वारा भक्त को निम्नलिखित 5 फायदे मिलते है।
- मन सकारात्मक उर्जाओ से भर जाता है।
- श्री गणेश जी का आशीर्वाद बना रहता है।
- सभी कार्यो में विध्न और बाधा दूर होते है।
- भक्त जीवन सफलता की तरफ जाता है।
- अच्छी मनोकामनाएं जल्दी पूर्ण होती है।
ध्यान दीजिये : आप किसी शुभ कार्य की शुरुआत करने वाले है, तो श्री गणेश को याद करते हुए उनकी आरती जरूर करे। इससे बिना कोई परेशानी कार्य में सफलता मिलेगी।
Shri Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics
हमारे प्यारे भगवान श्री गणेश जी की बहुत सी आरती है। जिसमे सबसे ज्यादा प्रचलित आरती “जय गणेश देवा” है। इसलिए सर्वप्रथम यहाँ इसी आरती को हिंदी और इंग्लिश में दर्शाया है।
(1) जय गणेश देवा आरती हिंदी में
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज राखो, शम्भु सुतवारी
कामना को पूर्ण करो, जग बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
(2) Shri Ganesh Ji Ki Aarti In English
Jai Ganesh Jai Ganesh,
Jai Ganesh Deva ।
Mata Jaki Parwati,
Pita Maha Deva ॥
Ek Dant Daya Vant,
Char Bhuja Dhari ।
Mathe Sindor Shoye,
Muse Ki Sawari ॥
Jai Ganesh Jai Ganesh,
Jai Ganesh Deva ।
Mata Jaki Parvati,
Pita Maha Deva ॥
Pan Chadhe Phool Chadhe,
Aur Chadhe Mewa ।
Laduan Ko Bhog Lage,
Sant Kare Seva ॥
Jai Ganesh Jai Ganesh,
Jai Ganesh Deva ।
Mata Jaki Parvati,
Pita Maha Deva ॥
Andhan Ko Aankh Det,
Kodhin Ko Kaya ।
Banjhan Ko Putra Det,
Nirdhan Ko Maya॥
Jai Ganesh Jai Ganesh,
Jai Ganesh Deva ।
Mata Jaki Parvati,
Pita Maha Deva ॥
‘Sur’ Shaam Sharan Aaye,
Safal Ki Jiye Seva ।
Mata Jaki Parvati,
Pita Maha Deva ॥
Jai Ganesh Jai Ganesh,
Jai Ganesh Deva ।
Mata Jaki Parvati,
Pita Maha Deva ॥
Deenan Ki Laaj Rakho,
Shambhu Sutakari ।
Kamana Ko Poorn Karo,
Jaoon Balihari ॥
Jai Ganesh Jai Ganesh,
Jai Ganesh Deva ।
Mata Jaki Parvati,
Pita Maha Deva ॥
(3) श्री गणेश आरती सुखकर्ता दुखहर्ता
सुखकर्ता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नांची।
नुरवी; पुरवी प्रेम, कृपा जयाची।
सर्वांगी सुंदर, उटी शेंदुराची।
कंठी झळके माळ, मुक्ताफळांची॥१॥
जय देव, जय देव जय मंगलमूर्ती।
दर्शनमात्रे मन कामना पुरती ॥धृ॥
रत्नखचित फरा, तुज गौरीकुमरा।
चंदनाची उटी , कुमकुम केशरा।
हिरेजडित मुकुट, शोभतो बरा ।
रुणझुणती नूपुरे, चरणी घागरिया।
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती ॥२॥
लंबोदर पीतांबर, फणिवरबंधना ।
सरळ सोंड, वक्रतुंड त्रिनयना।
दास रामाचा, वाट पाहे सदना।
संकटी पावावे, निर्वाणी रक्षावे, सुरवरवंदना।
जय देव जय देव, जय मंगलमूर्ती।
दर्शनमात्रे मनकामना पुरती ॥३॥
(4) जय देव जय मंगलमूर्ती आरती
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती ।
तुझे गुण वर्णाया मज कैंची स्फूर्ती ॥ ध्रु० ॥
नानापरिमळ दूर्वा शमिपत्रें ।
लाडू मोदक अन्नें परिपूरित पातें ।
ऐसें पूजन केल्या बीजाक्षरमंत्रें ।
अष्टहि सिद्धी नवनिधि देसी क्षणमात्रें ॥१॥
तुझे ध्यान निरंतर जे कोणी करिती ।
त्यांची सकलहि पापें विघ्नेंही हरती ॥
वाजी वारण शिबिका सेवक सुत युवती ।
सर्वहि पावुनि अंती भवसागर तरती ॥ जय देव० ॥ २ ॥
शरणागत सर्वस्वे भजती तव चरणीं ।
कीर्ति तयांची राहे जोंवर शाशितरणी ॥
त्रैयोक्यों ते विजयी अद्भुत हे करणी ।
गोसावीनंदन रत नामस्मरणीम ॥ जय देव जय देव० ॥३॥
(5) शेंदूर लाल चढायो आरती लिरिक्स
जय जयजी गणराज विद्या सुखदाता ।
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता ॥ ध्रु० ॥
शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुखको ।
दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरीहरको ॥
हाथ लिये गुडलड्डू साई सुरवरको ।
महिमा कहे न जाय लागत हूँ पदको ॥१॥
अष्टी सिद्धी दासी संकटको बैरी ।
विघ्नविनाशन मंगलमूरत अधिकाई ॥
कोटीसुरजप्रकाश ऐसी छबि तेरी ।
गंडस्थलमदमस्तक झुले शशिबहारी ॥जय० ॥२॥
भावभगतिसे कोई शारणागत आवे ।
संतति संपति सबही भरपूर पावे ।
ऐसे तुम महाराज मोको अति भवे ।
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे ॥ जय० ॥३॥
(6) गजानना श्रीगणराया मोरया
गजानना श्रीगणराया ।
आधी वंदू तुज मोरया ॥
मंगलमूर्ती श्री गणराया ।
आधी वंदू तुज मोरया ॥
सिंदुर-चर्चित धवळे अंग ।
चंदन उटी खुलवी रंग ।
बघतां मानस होतें दंग ।
जीव जडला चरणी तुझिया ।
आधी वंदू तुज मोरया ॥
गजानना श्रीगणराया ।
आधी वंदू तुज मोरया ॥
गौरीतनया भालचंद्रा ।
देवा कृपेच्या तूं समुद्रा ।
वरदविनायक करुणागारा ।
अवघी विघ्नें नेसी विलया ।
आधी वंदू तुज मोरया ॥
गजानना श्रीगणराया ।
आधी वंदू तुज मोरया ॥
Ganesh Ji Ki Aarti PDF Download
उपरोक्त लिस्ट में दी गयी सभी आरती को आप एक PDF File में डाउनलोड करना चाहते है। तो निचे दी गयी बटन लिंक पर क्लिक कर के कर सकते है।
इस पीडीएफ में आपको संपूर्ण श्री गणेश जी की आरती का संग्रह मिल जायेगा। जिसमे मुख्यतर हिंदी और मराठी भाषा में आरती दी है।
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श्री गणेश आरती का हिंदी वीडियो
अगर आप आरती को पढ़ना नहीं चाहते तो वीडियो में देख सकते है। इसके लिए हमने यूट्यूब पर उपलब्ध सबसे अच्छी Ganesh Ji Ki Aarti का वीडियो दिया है।
श्री गणेश जी की आरती विधि
सही विधि द्वारा आरती का उपयोग करने पर आप भगवान से जुड़ पाएंगे।
- गणेश जी के लिए मंगलवार या गणेश चतुर्थी का दिन बेहतर है।
- इस दिन सुबह जल्दी उठ कर स्नान कर लेना चाहिए।
- फिर साफ़ और सरल कपडे पहन कर आरती में बैठ सकते है।
- इसके बाद आरती आरंभ करने से पहले 3 बार शंख बजाएं।
- कोशिश करे की शंख को धीमे स्वर से ऊपर की तरफ ले जाये।
- इस प्रक्रिया के बाद मुख्य गणेश आरती का आरंभ कर दीजिये।
- आरती के समय घंटी बजाते रहे और “बप्पा मोरया” भी बोले।
- ध्यान रहे आरती गाते समय शब्दों का सही उच्चारण करना है।
- धुप, बत्ती और दिया जैसी पूजा सामग्री का उपयोग जरूर करे।
आरती के दौरान घर के सभी सदस्य एक ही जगह पर मौजूद हो तो अच्छा है। इससे पुरे परिवार पर श्री गणेश जी की दया दृष्टि और आशीर्वाद बना रहेगा।
गणेश जी की आरती का महत्त्व
हिंदू धर्म में गणेश आरती एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। गणेशजी को समर्पित यह प्रार्थना संपूर्ण श्रद्धा से गाई जाती है। गणेश आरती को कई भाषाओं में लिखा गया है, जिसमे सबसे प्रसिद्ध संस्कृत भाषा का संस्करण है ‘श्री गणेशार्चन’।
गणपति जी की आरती में गणेशजी के कई नाम बताए गए हैं, जैसे विघ्नहर्ता, गजानन, लंबोदर आदि। आरती में उनके वाहन मूषक का भी उल्लेख होता है। भक्त आरती द्वारा गणेश जी से आशीर्वाद, बुद्धि, समृद्धि और बाधा से मुक्ति की मांग करते है।
गणेश चतुर्थी के अवसर पर लोग बड़ी धूमधाम से गणेश आरती का आयोजन करते हैं। घरों और पंडालों में गणेश जी की प्रतिमा स्थापित कर उनकी विशेष पूजा की जाती है और आरती उत्साहपूर्वक गाई जाती है।
पवित्र गणेश आरती से भक्तों को आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। भारत के कही हिस्से और विदेशो में भी गणपति जी की पूजा होती है।
हमें आशा है की गणेश जी की आरती सम्बंधित लिखी गयी यह जानकारी आपको जरूर पसंद आयी होगी। आपसे निवेदन है की इस आरती सूचि जानकारी को सभी दोस्तों के साथ शेयर करे।