Hanuman Chalisa Hindi PDF Download करने के लिए आप बिलकुल सही स्थान पर आये है। यहाँ दी पीडीएफ में हनुमान चालीसा अर्थ के साथ पाठ विधि, आरती और बजरंग बाण भी शामिल है।
16वी शताब्दी में महान कवी तुलसीदासजी द्वारा श्री हनुमान चालीसा को लिखा गया था। तब से लेकर आज तक इस चालीसा का विशेष महत्त्व रहा है।
हनुमान चालीसा पढ़ने पर 5 मुख्य फायदे अवश्य मिलते है।
- मन भय-मुक्त हो कर ऊर्जा से भर जाता है।
- भक्त पर बजरंग बली का आशीर्वाद रहता है।
- बुरी शक्तिया हनुमान भक्त से दूर रहती है।
- आने वाले संकटो से भक्तो को रक्षा मिलती है।
- तन और मन से हम ताकतवर महसूस करते है।
ध्यान दीजिये : यदि आप भी इन लाभ द्वारा अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहते है। तो हनुमान चालीसा हिंदी पीडीएफ को अपने मोबाइल में डाउनलोड जरूर करे।
Hanuman Chalisa PDF Download In Hindi
PDF Name | Hanuman Chalisa |
Total Pages | 60 Good Quality |
PDF Size | 5.78 MB |
File Maker | InstaPDF |
Location | Google Drive |
Provider | Sabsastaa |
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यह इंटरनेट पर उपलब्ध सबसे अच्छी श्री हनुमान चालीसा PDF फाइल है। जिसे तैयार करने का श्रेय InstaPDF वेबसाइट को जाता है। इस पीडीएफ में निचे दर्शायी 5 मुख्य चीज़ो का संग्रह है।
- मुख्य हनुमान चालीसा
- पूजा पाठ की विधि
- बजरंग बली की आरती
- भगवान श्री राम स्तुति
- संपूर्ण बजरंग बाण
इतना ही नहीं, सभी भक्तो को हनुमान चालीसा का मतलब समझ आ सके इसलिए चौपाई का अर्थ भी दर्शाया है।
यदि आप अपने प्रिय व्यक्ति को श्री बजरंग बली चालीसा उपहार में देना चाहते है। तो इसे बिलकुल बेहतरीन और महंगे गिफ्ट की तरह दीजिये। घबराये मत, ये सिर्फ दिखेगा महंगा लेकिन मिलेगा सस्ता।
में बात कर रहा हु Hanuman Chalisa Book की, जिसे बेहद प्रीमियम मटेरियल से बनाया गया है। ऐसी किताब अपने प्रियजन को गिफ्ट में देने के लिए बिलकुल सही है।
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श्री हनुमान चालीसा लिखित पाठ (Hanuman Chalisa Lyrics)
यहाँ सर्वप्रथम दोहा सहित श्री हनुमान चालीसा है, फिर उसका महत्त्व समझाया है।
।। दोहा ।।
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि॥
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।
बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार॥
|| श्री हनुमान चालीसा चौपाई ||
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
कांधे मूंज जनेऊ साजै।
संकर सुवन केसरीनंदन।
तेज प्रताप महा जग बन्दन।।
विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे।।
लाय सजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।।
जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।।
जुग सहस्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डर ना।।
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा।
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै।।
चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु-संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम-जनम के दुख बिसरावै।।
अन्तकाल रघुबर पुर जाई।
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।।
।। दोहा ।।
वन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।
श्री हनुमान चालीसा की महत्वपूर्ण जानकारी
हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध धार्मिक स्तोत्र हनुमान चालीसा है, जो भगवान हनुमान की महिमा गाता है। कही भक्तों ने इस पाठ को अपनी दिनचर्या में शामिल किया है। चालीसा उनके जीवन में सुख, समृद्धि, संतुलन और शांति लाने में मदद करता है। चालीसा छोटी-छोटी 40 चौपाई में लिखी गयी है, जो उसकी सरलता और सुंदरता को दर्शाता है।
श्री हनुमान चालीसा के पहले आने वाले दोहे व्यक्ति को उनकी शक्तिशाली और धार्मिक छवि से परिचित करवाते हैं। फिर भगवान हनुमान की पूजा करने और उनसे सभी दुःख एंव कष्टों से बचाने की प्रार्थना है। चालीसा में बजरंग बली की शक्ति, बल, तेज, वीरता और उनके भक्तों के प्रति प्रतिबद्धता का वर्णन है।
भक्तों के मन में अच्छाई और नेकी का संचार करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ श्रद्धा और भक्ति से किया जाता है। भक्त को इसे हर दिन पढ़ने से धैर्य, साहस, एकाग्रता और समर्पण की भावना मिलती है। हनुमान चालीसा पढ़ने से जीवन में आने वाले सभी संकट दूर होते हैं, साथ ही हनुमान जी का आशीर्वाद मिलता है।
संक्षेप में कहे तो, हनुमान चालीसा एक धार्मिक श्लोक है जो प्रभु हनुमान के भक्तों के लिए है। चालीसा उन्हें सुखी, समृद्ध और शांतिपूर्ण जीवन जीने में मदद करती है। भक्त इसकी मदद से जीवन के हर क्षेत्र में सफल हो सकते हैं और सभी दुःखों से छुटकारा पा सकते हैं।
श्री हनुमान आरती लिरिक्स (Hanuman Aarti Lyrics)
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।।
अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।
दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।
लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे।
पैठी पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े।
बाएं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे।
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।
जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
श्री हनुमान चालीसा पूजा की विधि
सही पूजा विधि के साथ हनुमान चालीसा पढ़ने पर आपको अवश्य बेहतरीन फायदे मिलेंगे।
- श्री हनुमान की पूजा करने के लिए शनिवार का दिन सबसे अच्छा है।
- इस दिन सूर्योदय से पहले सुबह जल्दी उठ जाये और स्नान कर लीजिये।
- फिर सरल और साफ़ कपडे पहन कर खुद को पूजा के लिए तैयार करे।
- इसके बाद हो सके तो पूर्व दिशा की तरफ आसन लगा कर बैठिये।
- अब सामने हनुमान जी की प्रतिमा या राम दरबार का चित्र रख दीजिये।
- आगे दिया और अगरबत्ती जला कर हनुमान से प्रार्थना करे।
- उन्हें आभार व्यक्त करे की आपके पास जो भी है उसके लिए खुश है।
- फिर हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ना शुरू कर दीजिये।
- इस समय घर के सभी सदस्य इसी स्थान पर हो तो उत्तम है।
- इससे पुरे परिवार को हनुमान जी का आशीर्वाद मिल जायेगा।
नोट : इस मुख्य विधि के अलावा पंडित जी आपको अपनी जरुरत अनुसार भी अन्य पूजा बता सकते है।
श्री हनुमान अष्टक लिरिक्स (Hanuman Ashtak Lyrics)
बाल समय रवि भक्ष लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारों।
ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो।
देवन आनि करी बिनती तब, छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।
बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि, जात महाप्रभु पंथ निहारो।
चौंकि महामुनि साप दियो तब, चाहिए कौन बिचार बिचारो।
कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु, सो तुम दास के सोक निवारो।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।
अंगद के संग लेन गए सिय, खोज कपीस यह बैन उचारो।
जीवत ना बचिहौ हम सो जु, बिना सुधि लाये इहां पगु धारो।
हेरी थके तट सिन्धु सबे तब, लाए सिया-सुधि प्राण उबारो।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।
रावण त्रास दई सिय को सब, राक्षसी सों कही सोक निवारो।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु, जाए महा रजनीचर मरो।
चाहत सीय असोक सों आगि सु, दै प्रभु मुद्रिका सोक निवारो।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।
बान लाग्यो उर लछिमन के तब, प्राण तजे सूत रावन मारो।
लै गृह बैद्य सुषेन समेत, तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो।
आनि सजीवन हाथ दिए तब, लछिमन के तुम प्रान उबारो।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।
रावन जुध अजान कियो तब, नाग कि फांस सबै सिर डारो।
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल, मोह भयो यह संकट भारो।
आनि खगेस तबै हनुमान जु, बंधन काटि सुत्रास निवारो।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।
बंधू समेत जबै अहिरावन, लै रघुनाथ पताल सिधारो।
देबिन्हीं पूजि भलि विधि सों बलि, देउ सबै मिलि मंत्र विचारो।
जाये सहाए भयो तब ही, अहिरावन सैन्य समेत संहारो।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।
काज किए बड़ देवन के तुम, बीर महाप्रभु देखि बिचारो।
कौन सो संकट मोर गरीब को, जो तुमसे नहिं जात है टारो।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु, जो कछु संकट होए हमारो।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।
।। दोहा।।
लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।
वज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सूर।।
जय श्रीराम, जय हनुमान, जय हनुमान।
श्री हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे
अधिकांश लोग समझते है बुरी शक्तिया, भूत-प्रेत और डर को भगाने के लिए हनुमान चालीसा उपयोगी है। लेकिन बजरंग बलि की चालीसा सिर्फ इन्ही कार्य तक सिमित नहीं है। चालीसा पाठ के बहुत से फायदे है, जो निचे बताये है।
- आध्यात्मिक लाभ: हनुमान चालीसा पढ़ने से व्यक्ति का आध्यात्मिक जीवन सुधरता है। भक्तों की धार्मिक भावना बढ़ती है और वे भगवान हनुमान के प्रति अधिक श्रद्धालु रहते हैं।
- मानसिक शांति: चालीसा का पाठ करने से आपको शांति और खुशी मिलती है। इसका जाप करने से मन की चिंता, दुख और अशांति दूर होती है। यह एक अच्छा ध्यान अभ्यास है, जो मेधाशक्ति को बढ़ाकर मन को स्थिर और निर्मल बनाता है।
- शारीरिक लाभ: चालीसा का सुंदर उच्चारण शरीर के कई रोगों को दूर करता है। कमजोरी दूर करते हुए यह शरीर और मन को शक्ति देता है। इससे मानसिक तनाव कम होता है और नींद भी अच्छी आती है।
- संकट निवारण: हनुमानजी को संकटमोचन के रूप में जाना जाता है, क्यों कि वे सभी संकट और दुर्भाग्य से हमें बचाते हैं। भक्तों को चालीसा पढ़ने से उनके सभी कष्ट और पीड़ा दूर होती है, साथ ही सकारात्मक सोचने की क्षमता मिलती है।
- बेहतर जीवन : हर कोई चाहता है उनका जीवन सफल और बेहतरीन हो। इस कार्य को पूरा करने में बजरंग बलि की चालीसा बेहद लाभदायी है। इससे जीवन में कही प्रकार के सुधार आते है।
Shri Hanuman Chalisa Languages
आपको जान कर शायद हैरानी होगी की श्री हनुमान चालीसा भारत की सभी भाषाओ में उपलब्ध है। इतना ही नहीं इस बेहतरीन चालीसा को विदेश के कही अन्य देशो में भी पढ़ा जाता है।
विकिपीडिया पर मिली जानकारी अनुसार श्री हनुमान चालीसा को आज से 400 साल पहले मुख्यतर अवधी भाषा में लिखा गया था। आगे लोगो की जरुरत अनुसार इसे हिंदी, मराठी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, गुजराती, मलयालम जैसी सभी भाषा में अनुवाद किया गया।
विदेशियों के लिए हनुमान चालीसा इंग्लिश, स्पेनिश, फ्रेंच और डच जैसी भाषाओ में मिल जाती है। यानी हनुमान जी के भक्त केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेश में भी देखने मिलते है।
आखिर हनुमान चालीसा इतनी प्रसिद्ध क्यों है
भारत में हनुमान जी के अलावा महादेव शिव, भगवान विष्णु और माँ दुर्गा जैसे कही देवी-देवताओ की चालीसा है। लेकिन क्यों Hanuman Chalisa को ही सबसे ज्यादा पढ़ा और पसंद किया जाता है? तो इसके पीछे 3 मुख्य कारण बताये जा सकते है।
(1) डर दूर करना
लोग ऊपर से कितना भी खुद को मजबूत दिखा ले। लेकिन अंदर से वह किसी न किसी बात को लेकर डरे हुए रहते है। जैसे परीक्षा में असफल होने का डर, नौकरी चले जाने का डर या किसी प्रिय व्यक्ति को खोने का डर। ऐसे दुनिया के सभी प्रकार के डर में हनुमान चालीसा रामबाण समान है।
बजरंग बलि की चालीसा पढ़ने पर मन अधिकतर सारे भय से मुक्त होने लगता है। हमें एहसास होता है की बिनजरूरी डर रखने से कुछ नहीं मिलेगा। हम चीज़ो को सही नजर और बुद्धि से देखना शुरू कर देते है। इन्ही लाभों के कारण अधिकतर लोग हनुमान चालीसा पढ़ना चाहते है।
(2) खुद की रक्षा
कही बार हम किसी भयजनक स्थिति में खुद को अकेला और कमजोर महसूस करने लगते है। तब हमें ऐसा होता है की कोई हमारी रक्षा या बचाव करे। ऐसी स्थिति में सामने रहे दुश्मन के लिए हनुमान चालीसा किसी हथियार समान खतरा पैदा कर सकती है।
अपने जीवन में हर कोई चाहता है की आने वाले खतरों से उन्हें रक्षण मिलता रहे। जैसे एक माता-पिता हमेशा अपने बच्चो की रक्षा करते है। कोशिश करते है की उन पर कोई समस्या या खतरा ना आये। बिलकुल इसी प्रकार हनुमान चालीसा पढ़ने वालो की रक्षा भगवान हनुमान खुद करते है।
(3) जीवन में समृद्धि
हमारे भगवान और श्री राम के भक्त हनुमान जी बड़े दयालु है। वह हमेशा हर इंसान को एक प्यार भरी दृष्टि से देखते है। हनुमान जी हमेशा इंसान के जीवन को अच्छा एंव सफल देखना चाहते है। इसलिए मात्र थोड़ी प्रार्थना और पूजा करने पर भी श्री हनुमान प्रसन्न हो जाते है।
फिर वह अपने भक्त के जीवन में आने वाली सभी समस्याओ के सामने भक्त को मजबूत बना देते है। सामान्य मनुष्य को भी लगता है की वह बड़े से बड़ी समस्या को हरा सकता है। कुल मिला कर जीवन में सुख, शांति एंव समृद्धि के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना अच्छा है।
मुझे आशा है की आपको Hanuman Chalisa सम्बंधित यह जानकारी जरूर पसंद आयी होगी। इस महत्वपूर्ण जानकारी को अपने सभी दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।