[PDF] श्री रामचरितमानस गीता प्रेस गोरखपुर | Ramcharitmanas In Hindi PDF

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[PDF] श्री रामचरितमानस गीता प्रेस गोरखपुर | Ramcharitmanas In Hindi PDF

श्री रामचरितमानस भारतीय साहित्य का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। जिसकी रचना 16वीं शताब्दी में संत तुलसीदास जी ने की थी। इस किताब में कुल 7 तरह के कांड देखने मिलते है।

  1. बाल कांड
  2. अयोध्या कांड
  3. अरण्य कांड
  4. किष्किंधा कांड
  5. सुंदर कांड
  6. युद्ध कांड
  7. उत्तर कांड

यह जाने : रामायण रामचरितमानस के यह सभी कांड हमारे हिंदी साहित्य के अमूल्य रत्न है। जो दुनिया समक्ष भारतीय संस्कृति प्रस्तुत करने में विशेष भूमिका निभाते है।

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यहाँ गीता प्रेस गोरखपुर पब्लिशर द्वारा तैयार की गयी श्री रामचरितमानस बुक की डाउनलोड लिंक दी है। जो बिलकुल ओरिजिनल लिखावट और अच्छी क्वालिटी में है। साथ ही किताब में सब कुछ अर्थ सहित बताया है।

Author Goswami Tulsidas
Pages 980
Size 10.18 MB
Publisher Gita Press GP
Language Hindi
Provider Sabsastaa

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श्री रामचरितमानस बुक की विशेषताएं क्या है

संत तुलसीदासजी द्वारा रचित श्री रामचरितमानस भारतीय साहित्य का एक महत्वपूर्ण काव्य ग्रंथ है। रामचरितमानस में एक व्यक्ति के आचार, विचार और भावनाओं का दर्पण है। जो उसके व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन के मूल्यों को व्यक्त करता है।

ग्रंथ में प्रेम, करुणा, श्रद्धा, त्याग और सेवा की कही बाते समझायी है, जो एक आदर्श मानवता का प्रतीक है। तुलसीदास जी ने शब्दों की शक्ति का उपयोग करके भगवान श्रीराम के विशेष चरित्र और व्यक्तित्व को समझाया है।

इस महान ग्रंथ से बहुत कुछ कुछ सिखने समझने जैसा है। यहाँ हम कुछ विशेष बातों का उदाहरण दे रहे है।

  • भाषा और भाव बहुत साधारण हैं, तुलसीदास ने इसे अवधी बोली में लिखा है। जो आम लोगों को समझ आती थी और पढ़ने में भी आसान थी।
  • कविता के माध्यम से कथा को प्रस्तुत किये जाने से यह अत्यधिक मनोरंजक और मनोहारी है। कविताबद्ध शैली ने इसे अधिक लोकप्रिय बनाया।
  • श्री राम, सीता, लक्ष्मण जैसे पात्र इतने जीवंत हैं मानो वे सामने खड़े हों ऐसा लगता है। रावण, कुंभकरण जैसे असुरी पात्र भी बड़े प्रभावशाली हैं।
  • कथा का वर्णन बेहद सुंदर और रोचकता से प्रस्तुत किया गया है। श्री राम के बचपन से लेकर लंका विजय तक की घटनाएँ क्रमबद्ध ढंग से दर्शाई हैं।
  • हर कांड पढ़ने पर पाठक को एक प्रेरणादायी सन्देश समझ आता है, जिससे वह अपने जीवन को उजागर कर सकता है।
  • किताब कुछ इस तरह से लिखी गयी है की हर सामान्य पढ़े-लिखे व्यक्ति को तुरंत समझ आ जाती है।
  • कुल मिला कर किताब यही समझाने का प्रयास करती है की हमेशा बुराई के खिलाफ अच्छाई की ही जीत होती है।

श्री रामचरितमानस की रचना कब हुई थी

पुरानी जानकारी अनुसार लोगो की सरलता के लिए कवी गोस्वामी तुलसीदास ने रामायण को रामचरितमानस का रूप दिया। इस काव्य ग्रंथ की शुरुआत उन्होंने वर्ष 1631 में चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष के दिन की थी। जो की उस वक़्त राम नवमी का शुभ अवसर वाला दिन था।

कहा जाता है की इस रचना के दौरान तुलसीदासजी की उम्र मात्र 42 वर्ष थी। ये तुलसीदास की सबसे प्रसिद्ध रचनाओं में से एक है। जिनमे उन्हें अधिकांश लोगो द्वारा आज तक अच्छी बातें ही सुनने मिली है।

तुलसीदासजी का जीवन देखे तो उनका जन्म 1532 ईस्वी में उत्तर प्रदेश के राजापुर में हुआ था। उस समय वे संस्कृत के बड़े पंडित एंव काव्यकार थे। उन्होंने अपने जीवन का अधिकतम समय वाराणसी स्थान पर ही बिताया।

श्री रामचरितमानस की महत्वपूर्ण घटनाएं

रामचरितमानस की समग्र घटनाओ को मुख्य 7 कांड आधारित सरलता से समझा जा सकता है।

  1. बालकांड – यह प्रथम कांड है जिसमे श्री राम और उनके भाइ लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के बचपन का वर्णन है। साथ ही भगवान राम-सीता का विवाह भी इसमें देखने मिलता है।
  2. अयोध्याकांड – इस कांड की शुरुआत कैकेयी के वरदान से होती है। जिसके द्वारा श्री राम 14 वर्ष के लिए वनवास जाने विवश होते हैं। इस सफर में माँ सीता और भाई लक्ष्मण भी जुड़ जाते हैं।
  3. अरण्यकांड – वनवास के दौरान घटी अधिकतर सभी घटनाओ का वर्णन इस कांड में है। जिसमे श्री राम के जीवन पर आने वाली समस्या का भी चित्रण है।
  4. किष्किंधाकांड – इसमें लंकेश्वर रावण द्वारा माँ सीता का हरण, जटायु और कबंध का वध, सुग्रीव मिलाप और हनुमान का लंका गमन दिखाया गया है।
  5. सुंदरकांड – इस कांड की शुरुआत हनुमान के लंका प्रस्थान से होती है। फिर उनका लंका में प्रवेश, लंका में आक्रमण और सीता प्राप्ति का प्रयास दीखता है।
  6. लंकाकांड – इस कांड में भगवान राम और रावण के बीच युद्ध, कुंभकर्ण और मेघनाद का वध, रावण का अंत और राम-सीता का मिलन वर्णित है।
  7. उत्तरकांड – इस कांड के अंतर्गत श्री राम की अयोध्या वापसी, भरत से मिलन और पद का त्याग, सीता का अग्नि परीक्षा देना और अंत में सभी का परमधाम जाना दिखाया गया है।

यह सारी घटनाये किताब में पढ़ने पर ऐसा लगता है मानो सब कुछ अपनी नजरो के सामने चल रहा हो। इसी कारण इतनी महान रचना के पीछे लोग तुलसीदासजी को हमेशा याद करते है।

रामायण और रामचरितमानस में अंतर

सामान्य लोग अक्सर समझ नहीं पाते की रामायण और रामचरितमानस में क्या अंतर है। तो दोनों में केवल भाषा और काव्यकार का अंतर देखने मिलता है।

रामायण संस्कृत भाषा में लिखा गया एक प्राचीन महाकाव्य है, जिसे महर्षि वाल्मीकि ने लिखा था। यह मुख्य संस्कृत में होने के कारण हर कोई इसे आसानी से समझ नहीं पाता।

लोगो की इसी समस्या का समाधान करते हुए 16वी शताब्दी में कवी तुलसीदास ने रामायण को हिंदी में लिखा। यह भी एक महाकाव्य ही था, जिसे “रामचरितमानस” नाम दिया गया।

एक तरह से कह सकते है की लोगो की सरलता के लिए रामायण को संस्कृत से हिंदी में अनुवाद किया गया। आज इसी महा काव्य ग्रन्थ को पढ़ कर अधिकांश लोग रामायण को समझते है।

आशा करता हु Ramcharitmanas PDF In Hindi का आप बेहतर लाभ उठा पाए होंगे। इस महत्वपूर्ण जानकारी को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।

Karanveer

Karanveer

में पिछले 6 साल से ब्लॉग्गिंग कार्य द्वारा जुड़ा हूँ। मुझे ऑनलाइन शॉपिंग और प्रोडक्ट रिव्यु की जानकारी लिखना अच्छा लगता है।

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