आरती कुंजबिहारी की, श्री कृष्ण जी की | Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics Hindi

भक्तो में भगवान श्री कृष्ण जी की आरती कुंजबिहारी काफी ज्यादा प्रचलित है। यहाँ इसी विशेष आरती के लिखित लिरिक्स दर्शाये है। साथ ही श्री कृष्णा पूजा विधि करने की जानकारी भी बताई है।

आरती कुंजबिहारी की, श्री कृष्ण जी की | Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics Hindi

यहाँ बताई Shri Krishna Ji Ki Aarti द्वारा 5 फायदे जरूर मिलते है

  • शांति और आनंद की अनुभूति होती है।
  • आरती से मानसिक तनाव कम होता है।
  • हमारी आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ती है।
  • सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • आत्मबल और आत्मविश्वास बढ़ता है।

विशेष : श्री कृष्णा कुंज बिहारी की आरती खास जन्माष्टमी अवसर के लिए है। पर आप चाहे तो इसे नित्य पूजा में भी उपयोग कर सकते है।

आरती कुंजबिहारी की (Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics)

मन को प्रसन्न करने वाली यह आरती अधिकतर लोग हिंदी और इंग्लिश भाषा में पढ़ना चाहते हैइसीलिए यहाँ आपकी जरुरत अनुसार दोनों आरती के लिरिक्स बताये है।

(1) आरती कुंजबिहारी की, श्री कृष्ण जी की हिंदी में

Aarti Kunj Bihari Ki In Hindi

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला ।
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ।

गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै ।
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,
चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

(2) Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics In English

Aarti Kunj Bihari Ki,
Shri Girdhar Krishna Murari Ki ॥
Aarti Kunj Bihari Ki,
Shri Girdhar Krishna Murari Ki ॥

Gale Mein Baijanti Mala,
Bajave Murali Madhur Bala ।
Shravan Mein Kundal Jhalakala,
Nand Ke Anand Nandlala ।
Gagan Sam Ang Kanti Kali,
Radhika Chamak Rahi Aali ।
Latan Mein Thadhe Banamali
Bhramar Si Alak,
Kasturi Tilak,
Chandra Si Jhalak,
Lalit Chavi Shyama Pyari Ki,
Shri Girdhar Krishna Murari Ki ॥
॥ Aarti Kunj Bihari Ki…॥

Kanakmay Mor Mukut Bilse,
Devata Darsan Ko Tarse ।
Gagan So Suman Raasi Barse
Baje Murchang,
Madhur Mridang,
Gwaalin Sang
Atual Rati Gop Kumari Ki,
Shri Girdhar Krishna Murari Ki ॥
॥ Aarti Kunj Bihari Ki…॥

Jahaan Te Pragat Bhayi Ganga,
Sakal Man Haarini Shri Ganga ।
Smaran Te Hot Moh Bhanga
Basi Shiv Shish,
Jataa Ke Beech,
Harei Agh Keech,
Charan Chhavi Shri Banvaari Ki,
Shri Girdhar Krishna Murari Ki ॥
॥ Aarti Kunj Bihari Ki…॥

Chamakati Ujjawal Tat Renu,
Baj Rahi Vrindavan Benu।
Chahu Disi Gopi Gwaal Dhenu
Hansat Mridu Mand,
Chandani Chandra,
Katat Bhav Phand,
Ter Sun Deen Dukhari Ki,
Shri Girdhar Krishna Murari Ki ॥
॥ Aarti Kunj Bihari Ki…॥

Aarti Kunj Bihari Ki,
Shri Girdhar Krishna Murari Ki ॥
Aarti Kunj Bihari Ki,
Shri Girdhar Krishna Murari Ki ॥

Aarti Kunj Bihari Ki PDF Download

Aarti Kunj Bihari Ki PDF

यदि आप भगवान श्री कृष्ण जी की आरती कुंज बिहारी के लिरिक्स PDF में डाउनलोड करना चाहते है। तो निचे दी गयी बटन लिंक द्वारा फाइल डाउनलोड कर सकते है।

PDF Name Krishna Aarti
Total Pages 1 HD Image
PDF Size 27 KB
File Maker Hindimatra
Location Google Drive
Provider Sabsastaa

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श्री कृष्ण आरती कुंजबिहारी की वीडियो

इंटरनेट पर श्री कृष्ण भगवान आरती सम्बंधित बहुत से वीडियो है। उन सभी में से सबसे अच्छा और ज्यादा प्रचलित आरती वीडियो निचे दर्शाया है।

श्री कृष्ण जी की पूजा पाठ विधि

भक्तो के जीवन में कृष्ण आरती एंव पूजा का बड़ा महत्त्व है। इसीलिए जब भी श्री कृष्ण जी की पूजा करे उसे सही विधि के साथ करे।

  • जन्माष्टमी पूजा के लिए सुबह जल्दी उठ कर स्नान कर लीजिये।
  • फिर साफ़ और सरल कपडे पहन कर खुद को तैयार करे।
  • घर पर श्री कृष्ण का मंदिर है तो उसे अच्छे से साफ़ कर लीजिये।
  • फिर एक साफ चौकी पर पीले रंग का कपडा बिछा दीजिये।
  • उस कपडे पर बाल कृष्ण की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें।
  • इस दिन श्री कृष्ण का जन्म हुआ था, इसलिए झूला जरूर बांधे।
  • रात 12 बजे कुंज बिहारी आरती के साथ जन्माष्टमी का अवसर मनाना है।
  • पूजा विधि में घी, मिश्री, माखन, खीर जैसी चीजों का भोग चढ़ाए।

श्री कृष्ण कुंज बिहारी आरती का महत्त्व

कुंज बिहारी की आरती भगवान श्री कृष्ण की सबसे प्रिय और लोकप्रिय आरतियों में से एक है। इस आरती की रचना भूषण दुआ ने की थी और इसे मथुरा के प्रसिद्ध मंदिर श्री कृष्ण जन्मस्थान में गाया जाता है। ‘कुंज बिहारी’ श्री कृष्ण का एक प्यारा नाम है, जिसका अर्थ होता है ‘कमलों के बीच विहार करने वाले’।

इस आरती में भगवान श्री कृष्ण की लीला और महिमा का बहुत ही सुंदर वर्णन है। आरती में श्री कृष्ण को नंदलाल, यशोदा का बाल और गोपियों का प्राण आदि नामों से संबोधित किया है। जन्माष्टमी और कृष्ण जन्मोत्सव पर इसका विशेष महत्व होता है। यह आरती श्रद्धालुओं के मन को शांति और आनंद से भर देती है।

श्री कृष्ण कुंज बिहारी आरती भगवान श्री कृष्ण के प्रति श्रद्धा और भक्ति का एक अनूठा प्रतीक है। यह आरती उनके दिव्य लीलाओं, माधुर्य और आनंद के रूप की प्रशंसा करती है। जिससे हर भक्त को ये आरती पढ़ना अच्छा लगता है।

श्री कृष्ण कुंज बिहारी की आरती के शब्द और ध्वनि एक विशिष्ट रूप में मिलकर उनका चित्रण करते हैं। जिस कारण श्रद्धालु भक्त उनकी दिव्यता में लीन हो जाते हैं। इस आरती के शब्दों में श्री कृष्ण के विभिन्न स्वरूपों की महिमा और उनके पूरे व्यक्तित्व की महत्वपूर्ण घटनाएं दर्शायी हैं।

आशा करता हु श्री कृष्ण जी की कुंज बिहारी आरती सम्बंधित संपूर्ण जानकारी देने में सफल रहा हु। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक केयर।

By Karanveer

में करनवीर पिछले 8 साल से Content Writing के कार्य द्वारा जुड़ा हूँ। मुझे ऑनलाइन शॉपिंग, प्रोडक्ट रिव्यु और प्राइस लिस्ट की जानकारी लिखना अच्छा लगता है।

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